Here are some Hindi Sher written on 27th of May, 2016.
1)
लफ्ज खत्म हो गए तुजको बयां करते करते,
महोब्बत रोज मीलती है नये नये लिबास में ।
- प्रतिक
2)
युं वक्त बेवक्त ख्यालों में ना आया करो,
थोडा तसव्वुर थोडी तोहिन बजाया करो,
लोग रूठ जाते है मुझसे युं ही बेवजह,
तुम भी कभी रूठा करो कभी मनाया करो।
- प्रतिक
3)
वो हिन्दू नहीं होता वो मुसलमान नहीं होता,
मजहब के नाम पर लडता है वो इन्सान नहीं होता ।
- प्रतिक
4)
शैतानों के बच्चे भी पैदा होते हैं,
तभी तो ये कौमी दंगे होते हैं ।
- प्रतिक
5)
राम और रहीम का भी खुन खौलता है,
जब कोइ उनके नाम से पथ्थर फेंकता है ।
- प्रतिक
6)
जो मजहब के नाम पर हथियार उठाती है,
वो शैतानों की नाजायज औलाद होती है ।
- प्रतिक
7)
तेरे अल्लाह और इश्वर का मतलब तो बता,
पहेले तु दोनों से मील फिर दोनों में फर्क तो बता ।
- प्रतिक
8)
मजहब के नाम पर, सब जगह सियासत होती है,
हम पागल है, हमें तो आज भी महोब्बत होती है ।
- प्रतिक
9)
उस बच्चे के साथ इश्वर भी रोया था खुदा भी रोया था,
जिसकी मा कल दंगो में नोची गई थी, खरोंची गई थी ।
- प्रतिक
10)
मेरा मजहब कभी कोई मुझसे पुछ के देखो,
तुम्हारी रूह चीर दूंगा, 'इन्सानियत' बता कर ।
- प्रतिक
11)
बच्चा बनके जो खिलौनों से कल खेल रहा था,
वो खुदा ही था जिसको तुने मजहब बता कर मार डाला ।
- प्रतिक
12)
तुम्हें लडना है मजहब के नाम पर ? तो बेशक लडो,
पर पहले अपने बदन पे लिखा अपना मजहब तो बता ।
- प्रतिक
13)
कौन केहता है कि उसको दर्द नहीं होता ?
खुदा हर शाम रोता है कुछ मासूम लाशों पर ।
- प्रतिक
14)
वक्त के सिने पर मैं तलवार रखता हूं,
जब भी मैं कागज पर कलम से लिखता हूं ।
- प्रतिक
15)
वो फिक्र तो आज भी करती है,
पर अब हमसे जिक्र नहीं करती ।
- प्रतिक
16)
तुजे मेरी जरूरत नहीं, पर मुझे तो है,
तुझे महोब्बत नहीं, पर मुझे तो है ।
- प्रतिक
17)
उसने कहा था कि हम तुम्हें छोड कर जा रहे है,
माँ कसम आज भी वो गइ नहीं हमे छोडके ।
- प्रतिक
18)
एक सवाल का जवाब मुझे आज भी नहीं मिला,
मेरे दिल में धडकनों की जगह तु कब से आ गई है ?
- प्रतिक
19)
हमारे आंसुओं के सूखने की दुआ करती है,
जो कभी हमारे मुस्कुराने की वजह बन गई थी ।
- प्रतिक
20)
अपने आइने से भी खुदको छुपा के रखा है,
उसने दर्द-ए-महोब्बत यु दबा के रखा है ।
- प्रतिक
21)
अब तो आंखों में नींद का अकाल लगता है,
एक टूटा हुआ ख्वाब अब भी चुभता है ।
- प्रतिक
22)
मोतियों की खेती आंखो से होती है,
महोब्बत मेरे दोस्त ऐसे होती है ।
- प्रतिक
23)
वो अपना जख्मी दिल भी हमको देकर गया,
जो चोर हमारा दर्द-ए-महोब्बत चुराने आया था ।
- प्रतिक
24)
मेरे दिल के खाली बक्से में और क्या होता ?
तेरी यादें, महोब्बत और चंद आहों के सिवा ?
- प्रतिक
25)
सुना है महफिल में जो सबसे बडा शायर होता है,
हकिकत में वो ही सबसे ज्यादा घायल होता है ।
- प्रतिक
26)
मेरी महोब्बत मेरे मुकद्दर में क्यों नहीं है ?
वो मेरी तो है पर मेरी क्यों नहीं है ?
- प्रतिक
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