आजकल सोशियल मिडिया और समाज में आरक्षण हटाने के लिए अलग अलग तरीके से आंदोलन हो रहे है I एक तर्क यह रखा जाता है की आरक्षण की वजह से जनरल केटेगरी के उन छात्रों को अन्याय होता है, जो सरकारी नौकरी और सरकारी संस्थाओ में सिर्फ कुछ अंक की कमी की वजह से प्रवेश नहीं पा सकते I और उन छात्रों को आराम से प्रवेश मिल जाता है, जिनको आरक्षण मिला हुआ है, बावजूद इसके की उनके प्राप्तांक उनसे कम होते है I मैं आपकी इस पीड़ा को समज सकता हू I और इसी विषय पर आपसे एक निष्पक्ष संवाद करना चाहता हू I
सबसे पहेले तो क्या आप आरक्षण का अर्थ जानते है ? आप कहेंगे की कुछ कम मेरिटवाले व्यक्तियों को जाती के आधार पर सहूलियत देने की प्रणाली I लेकिन सच कहू तो आरक्षण का अर्थ है समाज में जिनका जाती के आधार पर शोषण होता रहा है और जिनको विकास से और अपने विकास के अधिकारों से भी वंचित रखा गया है उनको कानूनी तौर पर रक्षण देकर समाज के सभी उन्नत वर्ग के साथ सम्मिलित करने का एक जरिया I
जरा सोचिये अगर जातिवाद न होता और हर इंसान को एक समान समजा जाता हो फिर आरक्षण जैसी किसी व्यवस्था की जरूरत ही नहीं होती I आप कहेंगे की अरे ! वो शोषण तो बरसो पहेले होता था, अब ऐसा कुछ भी नहीं है I अब जातिवाद खत्म हो गया है, और हम जातिवादी नहीं है I अब हम सब एक समान व्यवहार करते है सबके साथ I हमारा परिवार भी इस नीच मानसिकता से उपर उठ चूका है I सच कहू ? अगर आपको ऐसा लगता है की आप और आपका परिवार जातिवाद की इस नीच मानसिकता से उपर उठ चूका है तो क्या आप मेरी दो बातो का स्वीकार करेंगे ?
पहला, आप अपनी जाती छोड़ दीजिए I और जिन जातियों को आरक्षण मिला है उस जाती को स्वीकार कर लीजिए I और उनके साथ रोटी – बेटी का व्यवहार शुरू कीजिये I कर सकेंगे ? अगर हा, तो अभिनन्दन आप इस नीच मानसिकता से ऊपर उठ चुके है, और अगर नहीं तो फिर आपको आरक्षण के खिलाफ बोलने का कोई अधिकार नहीं I
दूसरी बात, आप आरक्षण हटाना चाहते है ? मैं भी यही चाहता हू I पर आप इस विषैले पेड की सिर्फ एक डाली काटना चाहते है, और मैं इस पेड की जड़ को काटना चाहता हू I हां, इस पेड की जड़ है, जाती I चलो आज से आप मेरे साथ जुड जाओ, जातिवाद को हटाने की लड़त में I सोशियल मिडिया में और अपने आसपास के समाज में किसी भी व्यक्ति के साथ जाती के आधार पर अन्याय हो रहा हो तो अपनी आवाज जरूर उठाए I
जिस मंदिर में नीची कही जानेवाली जातियो को प्रवेश नहीं उन मंदिरों के पुजारियो को कहो की इश्वर आपके बाप का माल नहीं I हम सब समान है I
सोशियल मिडिया में अगर कहीं पर आपको जातिवादी कंटेन्ट मिल जाए तो अपने उन दोस्तों को सीधा मुह पर कहो की आप उसकी नीच मानसिकता से सहमत नहीं है I हर जगह इसका विरोध कीजिये I
पहेले जातिवाद खत्म करो, फिर जाती खत्म करो I आरक्षण का नामो निशा नहीं रहेगा यह मेरी गारंटी है आपको I लेकिन पहले खुद को बदलो और अपना मौन तोडो.
प्रतिक
(और हां अगर आप मेरे इन विचारों से सहमत है, और मेरा साथ देना चाहते है तो इस आर्टिकल को जरूर शेर करना I Meet me at valapratik.blogspot.com or ‘No Caste Pratik’ on FaceBook.)
No comments:
Post a Comment