हमारे आदरणीय अभीनेता श्री अमिताभ बच्चनजी ने अपनी एक फिल्म में ये डायलॉग बोला था । लेकिन आगे जाकर हमने इसे कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया । अब अगर किसी पुरुष को दर्द होता है तो उसकी 'मर्दानगी' पर सबको शक होने लगता है ।
मर्द कभी रोते नहीं ।
मर्द रफ एन्ड टफ होते है ।
ऐसी बेवकूफी वाली बातें तो आज तक चल ही रही थी । पर अब इसमें भी परिवर्तन आने लगे हैं । जैसे कि,
मर्द जालिम होता है ।
पथ्थर दिल होता है ।
और वो हवस का पुजारी होता है । साफ साफ शब्दों में कहा जाता है कि " Men are dogs." और तो और अगर कोई लडका किसी लडकी से प्यार करके छोड देता है तो वो तो शोषण है। अन्याय है, कानून की भाषा में बलात्कार है । और अगर कोइ लडकी प्यार करके किसी लडके को छोड देती है तो उसे लडकी की मजबूरी या फिर अपने परिवार के प्रति उसका प्यार समजा जाता है । क्या स्त्री - पुरूष की सम्मानता की बात करनेवाले सरकार या कानून को क्यों नहीं कहते कि इस तरह के मामलों में लडके को भी लडकी पर बलात्कार का आरोप लगाने का अवसर मिलना चाहिए ।
लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगे, पता है क्युं ? क्योंकि वो समजते है कि बलात्कार सिर्फ औरत के साथ ही हो सकता है । क्या पुरूष की संवेदनाओं के साथ बलात्कार नहीं हो सकता ? खैर मेरी इस छोटी सी बात को समझने के लिए कुछ लोगों को दूसरा जन्म लेना पडेगा । क्योंकि इस जन्म में वह अपनी मानसिक संकुचितता को इतनी आसानी से छोड नहीं पायेंगे ।
खैर, दूसरी बात, पुरूष को असंवेदनशील कहने वाला एक बहुत बड़ा वर्ग भी है । स्त्री संवेदना की मूरत होती है, प्रेम, समर्पण और त्याग और सारे गुणों का एकमात्र कॉपीराइट स्त्री को ही होता है । पुरुष के पास तो संवेदनाओं का अकाल ही होता है । अरे यार ! आजतक आपने ऐसी एक भी फिल्म देखी है जिसमें हिरो को असंवेदनशील बताया गया हो ? नहीं ना ? क्योंकि हम सब मानते हैं कि पुरुष को भी महसूस होता है, पर वही बात पता नहीं क्यूँ हम बार बार भूल जाते हैं ।
मैं यह नहीं केहता की औरतें गलत है पर मैं ये जरूर कहूंगा कि हर आदमी गलत नहीं होता । हर औरत को सही और हर आदमी को गलत समजने की मानसिकता से मुझे ऐतराज़ है ।
अरे यार इन्सान को इन्सान समजो । हर व्यक्ति में छुपी विशेषता को समजो । लैंगिक भेद को तुम्हारी सोच पर इतना भी मत हावी होने दो की अन्जाने में किसी को अन्याय कर बैठो या उसके साथ हो रहे अन्याय को बढावा दे बैठो । - प्रतिक
(और हां अगर आप मेरे इन विचारों से सहमत है, और मेरा साथ देना चाहते है तो इस आर्टिकल को जरूर शेर करना I Meet me at valapratik.blogspot.com or ‘No Caste Pratik’ on FaceBook.)
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