जिस तरह एक डॉक्टर अपने मरीज की पीडा की जरूरत से ज्यादा चिंता करने पर सही तरीके से इलाज नहीं कर सकता, उसी तरह समाज से मान - सम्मान और प्रतिष्ठा की आशा करने वाला व्यक्ति समाज के कुरिवाजो का इलाज नहीं कर सकता । - प्रतिक
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