Saturday, 24 December 2016

Proud to be a Teacher

New Jobs

शिक्षक का अवमूल्यन

RTI

Corruption and Politicians

Psychological Education

Pity Poverty and Politics

Complain against Politicians

Fixation for Leaders

Freedom From Fixation

फिक्सेशन एक अधर्म

समान काम समान वेतन

निलोफर

जनता की आवाज

फिक्सेशन एक आर्थिक शोषण

युवाओं का मजाक

फिक्सेशन एक कुप्रथा

Competitive Exam for Politicians

CCC Exam

ब्लेक मनी

गरीब कल्याण

Tuesday, 20 December 2016

तु मळे, न मळे

तु मळे तो शुं न मळे ?
तु न मळे तो शुं मळे ?
- प्रतिक

પડકારતા નૈ

મારી ખુદ્દારી ને ખુમારીને લલકારતા નૈ,
હું મૌન છું તો મૌન રહેવા દો, મને પડકારતા નૈ.

ભીતર ભર્યો છે એની યાદોનો બારુદ,
જો જો તમે તણખો પણ સળગાવતા નૈ.

હાથ ઝાલો કોઈનો તો વિચારીને ઝાલઝો,
મહોબ્બતના મધદરિયે કોઈને તરછોડતા નૈ.

ખુદાને આવવું હશે તો આવશે એની મેળે,
વારે ઘડીએ બીચારાને પોકારતા નૈ.

સુવા દેજો નિરાંતે 'પ્રતિક' મને મારી કબરમાં,
જો જો એનું નામ લઈને જગાડતા નૈ.
- પ્રતિક

Sunday, 18 December 2016

લાગે છે

તારા ન હોવાનો જ્યારે અણસાર લાગે છે,
મારા હોવાપણાંનો પણ મને ભાર લાગે છે.

આ તમારા ધર્મગ્રંથો મુબારક હો તમને બધા,
મને તો પ્રેમ માત્ર સઘળાંનો સાર લાગે છે.

દિવસ રાત મને ઉંહકારા સંભળાયા કરે છે,
મારી ભીતર નક્કી કોઈ બિમાર લાગે છે.

મોત મળતુંય નથી ને આવતુંય નથી,
ખુદા તને પણ તો મારી દરકાર લાગે છે.

'પ્રતિક' એની રાહ જોવાની જીંદગીભર,
એને વિચારવામાં ઘણી બધી વાર લાગે છે.
- પ્રતિક

बंध कर

मरण

मरण क्या कोइने सस्तामां मणवानुं ?
खरचवा पडे छे श्वास जिंदगी आख्खीना ।
- प्रतिक

Monday, 29 August 2016

Buddhism

👉 ડૉ.બાબાસાહેબ:બલી બકરે કી દિ જાતિ હૈ સેર કી નહી.સેર બનો."�👉 ડરો નહી ડર ગયા સો મર ગયા.�👉�અનુ.જાતિ/ જનજાતિના જે  લોકો હિન્દુ ધર્મ છોડી બાબા સાહેબના બતાવેલ રસ્તે ચાલી બૌદ્ધ ધર્મ અપનાવેલ છે તેમને અનુ.જાતિ/જનજાતિના તમામ લાભ  મળવા પાત્ર છે.2003 ધર્મ પરિવર્તન કાયદા મુજબ 30 દિવસ પહેલા કલેક્ટરને લેખિત જાણ કરવી.જો કલેક્ટર 30 દિવસમા બૌદ્ધ બનવાની પરવાનગી આપતો નિર્ણય ના આપે તો પણ આપોઆપ મંજૂરી મળી ગઈ ગણાય.sc ના  લાભ મળવા અંગે ભારત સરકાર અધિસૂચના 3/6/1990 તથા કલ્યાન મંત્રાલય 20/11/1990  આદેશ પત્ર ક્રમાક 12016/90 scd(આર.સેલ)તા.20/11/1990 તથાતા.5/2/16 ના ફરી આદેશ આપેલ છે.ગુજ.સરકારસમાજકલ્યાન વિભાગ ઠરાવનં.scw-1090/આઈ-85/ખ સચિવાલય ગાધીનગર તા.16/2/1991 તથા(1)મજૂર સમાજ કલ્યાણ આદિજાતિ વિકાસ ઠરાવ ક્રમાક scw/1277/31106/79/જ તા.20/6/1979(2)scw/1086/12913/365/ખ તા.24/7/1981(3)ભારત સરકાર ઠરાવ ક્રમાક તા.20/11/1090 ઠરાવ12016/28/90/ scd(આર.સેલ)(4) સંવિધાન(અનુ.જાતિ)આદેશ સુધારાઅધિનિયમ 1990 નં.15  તા.3/6/1990(5)નિયામક સમાજ કલ્યાણનો પત્ર ક્રમાક સક/જનરલ/4/551/4832/90-42 તા.4/1/1991  મુજબ મૂળ ગુજ.ના અનુ.જાતિ હિન્દુ માથી બૌદ્ધ બનેલને તા.20/11/1990 ની સૂચનાઓ મુજબ અનુ.જનજાતિ અંગેનો પ્રેશીડેન્શીઅલ ઓડેટ 1950 બહાર પિડવાની તારીખથી અનુ.જાતિ પ્રમાણપત્ર મળવાપાત્ર છે.(ઉપસચીવ સમાજ કલ્યાણ વિભાગ):- જય ભીમ નમો બુદ્ધાય બી.વી.વી.કચ્છ

Tuesday, 26 July 2016

गुजराती शेर संग्रह 1

Here are the collection of some Gujarati Sher written on 29th of May, 2016.

1)
ह्दयनी वराळ थईने नीकळे छे,
आंसू एवी राड थईने नीकळे छे ।
- प्रतिक

2)
शुं समजावुं दुनियाने शुं कहुं केम केवी छे ?
जिंदगी तारा विना बस बददुआ जेवी छे ।
- प्रतिक

3)
थोडीक तारी याद ने थोडाक मारा आंसू,
रोज सांजे आवे छे आंखोमां चोमासु ।
- प्रतिक

4)
शुं कहु के तारा विना मने केवुं लागे छे ?
बस दरेक श्वासे दरेक वाते लागी आवे छे ।
- प्रतिक

5)
एक श्वास जेटलुं पण जीवी नथी शकती,
तने भूलवानी ईच्छा टकी नथी शकती ।
- प्रतिक

6)
मारी शायरी एटले बीजुं कशुं पण नथी,
तारा माटे बेफाम रडवानी कळा सिवाय ।
- प्रतिक

7)
थोडुक तो दयानुं हवे नाम रहेवा दे,
मने तारा प्रेममां बदनाम रहेवा दे ।
- प्रतिक

8)
मारा तमाम दरदनी दवा तु,
हुं श्वास खरो पण हवा तु ।
- प्रतिक

हिंदी शेर संग्रह 1

Here are some Hindi Sher written on 27th of May, 2016.

1)
लफ्ज खत्म हो गए तुजको बयां करते करते,
महोब्बत रोज मीलती है नये नये लिबास में ।
- प्रतिक

2)
युं वक्त बेवक्त ख्यालों में ना आया करो,
थोडा तसव्वुर थोडी तोहिन बजाया करो,
लोग रूठ जाते है मुझसे युं ही बेवजह,
तुम भी कभी रूठा करो कभी मनाया करो।
- प्रतिक

3)
वो हिन्दू नहीं होता वो मुसलमान नहीं होता,
मजहब के नाम पर लडता है वो इन्सान नहीं होता ।
- प्रतिक

4)
शैतानों के बच्चे भी पैदा होते हैं,
तभी तो ये कौमी दंगे होते हैं ।
- प्रतिक

5)
राम और रहीम का भी खुन खौलता है,
जब कोइ उनके नाम से पथ्थर फेंकता है ।
- प्रतिक

6)
जो मजहब के नाम पर हथियार उठाती है,
वो शैतानों की नाजायज औलाद होती है ।
- प्रतिक

7)
तेरे अल्लाह और इश्वर का मतलब तो बता,
पहेले तु दोनों से मील फिर दोनों में फर्क तो बता ।
- प्रतिक

8)
मजहब के नाम पर, सब जगह सियासत होती है,
हम पागल है, हमें तो आज भी महोब्बत होती है ।
- प्रतिक

9)
उस बच्चे के साथ इश्वर भी रोया था खुदा भी रोया था,
जिसकी मा कल दंगो में नोची गई थी, खरोंची गई थी ।
- प्रतिक

10)
मेरा मजहब कभी कोई मुझसे पुछ के देखो,
तुम्हारी रूह चीर दूंगा, 'इन्सानियत' बता कर ।
- प्रतिक

11)
बच्चा बनके जो खिलौनों से कल खेल रहा था,
वो खुदा ही था जिसको तुने मजहब बता कर मार डाला ।
- प्रतिक

12)
तुम्हें लडना है मजहब के नाम पर ? तो बेशक लडो,
पर पहले अपने बदन पे लिखा अपना मजहब तो बता ।
- प्रतिक

13)
कौन केहता है कि उसको दर्द नहीं होता ?
खुदा हर शाम रोता है कुछ मासूम लाशों पर ।
- प्रतिक

14)
वक्त के सिने पर मैं तलवार रखता हूं,
जब भी मैं कागज पर कलम से लिखता हूं ।
- प्रतिक

15)
वो फिक्र तो आज भी करती है,
पर अब हमसे जिक्र नहीं करती ।
- प्रतिक

16)
तुजे मेरी जरूरत नहीं, पर मुझे तो है,
तुझे महोब्बत नहीं, पर मुझे तो है ।
- प्रतिक

17)
उसने कहा था कि हम तुम्हें छोड कर जा रहे है,
माँ कसम आज भी वो गइ नहीं हमे छोडके ।
- प्रतिक

18)
एक सवाल का जवाब मुझे आज भी नहीं मिला,
मेरे दिल में धडकनों की जगह तु कब से आ गई है ?
- प्रतिक

19)
हमारे आंसुओं के सूखने की दुआ करती है,
जो कभी हमारे मुस्कुराने की वजह बन गई थी ।
- प्रतिक

20)
अपने आइने से भी खुदको छुपा के रखा है,
उसने दर्द-ए-महोब्बत यु दबा के रखा है ।
- प्रतिक

21)
अब तो आंखों में नींद का अकाल लगता है,
एक टूटा हुआ ख्वाब अब भी चुभता है ।
- प्रतिक

22)
मोतियों की खेती आंखो से होती है,
महोब्बत मेरे दोस्त ऐसे होती है ।
- प्रतिक

23)
वो अपना जख्मी दिल भी हमको देकर गया,
जो चोर हमारा दर्द-ए-महोब्बत चुराने आया था ।
- प्रतिक

24)
मेरे दिल के खाली बक्से में और क्या होता ?
तेरी यादें, महोब्बत और चंद आहों के सिवा ?
- प्रतिक

25)
सुना है महफिल में जो सबसे बडा शायर होता है,
हकिकत में वो ही सबसे ज्यादा घायल होता है ।
- प्रतिक

26)
मेरी महोब्बत मेरे मुकद्दर में क्यों नहीं है ?
वो मेरी तो है पर मेरी क्यों नहीं है ?
- प्रतिक

Monday, 18 July 2016

Dare to Share

जो भी व्यक्ति सरकार से फिक्स वेतन का विरोध करना चाहता है, उनसे एक नम्र निवेदन है,

आपको मिलनेवाले फिक्स वेतन के विरोधी फोटोग्राफ्स आप कम से कम दस व्यक्तियों को Share जरूर करें ।

यही है विरोध का नया सूत्र :-
Dare to Share, Share to Ten.

याद रखें :- चिडिया भी सागर पी सकती है ।

Friday, 15 July 2016

खुद को छुपा के रखा है

अपने आइने से भी खुदको छुपा के रखा है,
उसने दर्द-ए-महोब्बत यु दबा के रखा है ।
- प्रतिक

तेरे जाने के बाद

What will be the answer of this sum ?
What will be left in me after you left ?
- Pratik

मुस्कान की वजह

हमारे आंसुओं के सूखने की दुआ करती है,
जो कभी हमारे मुस्कुराने की वजह बन गई थी ।
- प्रतिक

Sunday, 19 June 2016

धडकनों की जगह तु

एक सवाल का जवाब मुझे आज भी नहीं मिला,
मेरे दिल में धडकनों की जगह तु कब से आ गई है ?
- प्रतिक

तेरी जुदाई

उसने कहा था कि हम तुम्हें छोड कर जा रहे है,
माँ कसम आज भी वो गइ नहीं हमे छोडकर ।
- प्रतिक

तेरी मोहब्बत मेरी जरूरत

तुजे मेरी जरूरत नहीं, पर मुझे तो है,
तुझे महोब्बत नहीं, पर मुझे तो है ।
- प्रतिक

उसकी मोहब्बत

वो फिक्र तो आज भी करती है,
पर अब हमसे जिक्र नहीं करती ।
- प्रतिक

Wednesday, 15 June 2016

कागज और कलम

वक्त के सिने पर मैं तलवार रखता हूं,
जब भी मैं कागज पर कलम से लिखता हूं ।
- प्रतिक

Saturday, 11 June 2016

मासूम लाशों पर

कौन केहता है कि उसको दर्द नहीं होता ?
खुदा हर शाम रोता है कुछ मासूम लाशों पर ।
- प्रतिक

मजहब की लडाई

तुम्हें लडना है मजहब के नाम पर ? तो बेशक लडो,
पर पहले अपने बदन पे लिखा अपना मजहब तो बता दो ।
- प्रतिक

खुदा को मार डाला

बच्चा बनके जो खिलौनों से कल खेल रहा था,
वो खुदा ही था जिसको तुने मजहब बता कर मार डाला ।
- प्रतिक

Thursday, 9 June 2016

मेरा मजहब - इन्सानियत

मेरा मजहब कभी कोई मुझसे पुछ के देखो,
तुम्हारी रूह चीर दूंगा, 'इन्सानियत' बता कर ।
- प्रतिक

दंगों में नोची गई मा

उस बच्चे के साथ इश्वर भी रोया था खुदा भी रोया था,
जिसकी मा कल दंगो में नोची गई थी, खरोंची गई थी ।
- प्रतिक

मजहब की सियासत

मजहब के नाम पर, सब जगह सियासत होती है,
हम पागल है, हमें तो आज भी महोब्बत होती है ।
- प्रतिक

अल्लाह और इश्वर का मतलब

तेरे अल्लाह और इश्वर का मतलब तो बता,
पहेले तु दोनों से मील फिर दोनों में फर्क तो बता ।
- प्रतिक

शैतानों की नाजायज औलाद

जो मजहब के नाम पर हथियार उठाती है,
वो शैतानों की नाजायज औलाद होती है ।
- प्रतिक

खुन खौलता है

राम और रहीम का भी खुन खौलता है,
जब कोइ उनके नाम से पथ्थर फेंकता है ।
- प्रतिक

शैतानों के बच्चे

शैतानों के बच्चे भी पैदा होते हैं,
तभी तो ये कौमी दंगे होते हैं ।
- प्रतिक

Monday, 6 June 2016

वो इन्सान नहीं होता

वो हिन्दू नहीं होता वो मुसलमान नहीं होता,
मजहब के नाम पर लडता है वो इन्सान नहीं होता ।
- प्रतिक

Sunday, 5 June 2016

કેમ છો ?

કેમ છો ? મજામાં તો છો ને ?
હા, હું આજેપણ ચાહું છું તને.

તારી યાદો સાથે અને થોડાક આંસુ સાથે,
હું જીવું છું તારા માટે ને તું તારા પતિ સાથે.

એક સત્ય આજે સમજી ચૂક્યો છું,
કે તને હદબારો પ્રેમ કરી ચૂક્યો છું. 

સારું છે કે એક અફસોસ નથી,
મારી જેમ તું એકલી પડી નથી.

આમ તો સઘળાં સપનાઓ દફનાવી નાખ્યા છે,
પણ એ પ્રેત બની પાછા મને વળગી આવ્યા છે.

એક સપનું હતું તારા જેવી એક દિકરીના બાપ બનવાનું, 
સ્વર્ગ આખું એ મારી વ્હાલી ઢીંગલીના પગમાં ધરવાનું.

પણ હવે લાગણીઓનો પ્રદેશ વેરાન બન્યો છે,
પણ તો યે મારી ભીતર એક બાપ જીવતો રાખ્યો છે.

હા, હું એ ઢીંગલીનો બાપ છું,
અને સાથોસાથ મા પણ છું.

હા, "મારી ભીતર એક મા જીવે છે",
એ કહેતા મારું પુરુષત્વ દીપે છે.
- પ્રતિક

વળગણ

તારા વિચારોનું વળગણ છે હજુ,
તારી સાથે એટલું સગપણ છે હજુ.
- પ્રતિક

Saturday, 4 June 2016

कभी रूठा करो मनाया करो

युं वक्त बेवक्त ख्यालों में ना आया करो,
थोडा तसव्वुर थोडी तोहिन बजाया करो,
लोग रूठ जाते है मुझसे युं ही बेवजह,
तुम भी कभी रूठा करो कभी मनाया करो।
- प्रतिक

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